Sunday 17 May 2015

योर मनी: वित्त वर्ष 16 में बचत का मंत्र


वित्त वर्ष 2016 यानी नए फाइनेंशियल इयर का आगाज हो गया है। जरूरी है कि अभी से आप अपनी इन्वेस्टमेंट और टैक्स प्लानिंग की शुरुआत कर दें। क्योंकि मंजिल वही लोग पाते हैं जो रास्ते के लिए तैयार रहते हैं। यानी फाइनेंशियल गोल हासिल करने के लिए अभी से होमवर्क जरूरी है। ये भी याद रखिए कि सिर्फ निवेश कर देने से ही बात नहीं बनती, समय-समय पर पोर्टफोलियो का रियलिटी चेक लेना भी जरूरी होता है। ताकी बदलते दौर के साथ पोर्टफोलियो भी बदलता रहे और फाइनेंशियल हेल्थ में भी सुधार आता रहे। इसी मकसद के साथ हम कर रहे है खास चर्चा जहां आपकी मदद करेंगे फाइनेंशियल प्लानर गौरव मशरूवाला और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मठपाल

इन जानकारों का कहना है कि अपने वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए बचत करें। आपकी बचत ऐसी होनी चाहिए जिसमें आपको टैक्स छूट का  फायदा मिले। अगर आप पीपीएफ में निवेश करने की सोच रहे हैं तो हर महीने पैसे डालें। आप समय-समय पर अपने मौजूदा निवेश की समीक्षा करते रहें और जरूरत होने पर उसमें बदलाव करें। आपको समय-समय पर अपनी देनदारियों का भी जायजा लेते रहना चाहिए। ये पता करते रहें कि क्या आपको पहले से भुगतान करना चाहिए। अगर ब्याज दरों में बदलाव हुआ हो तो पता करें कि देनदार ने आपकी ब्याज दर कम की है या नहीं।

इन जानकारों का कहना है कि नए वित्त वर्ष की फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय सबसे पहले अपने घर का बजट तैयार करें। नए बजट के बाद कई चीजें महंगी हुई हो हैं, जिनका असर आपके बजट पर पड़ेगा। सर्विस टैक्स जल्द ही बढ़ जाएगा। सर्विस टैक्स बढ़ने से सर्विसेज महंगी हो जाएंगी, जिसका असर सीधा आपकी जेब और बजट पर पड़ेगा।

इन जानकारों के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 के लिए अभी से टैक्स प्लानिंग करें। सेक्शन 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये की छूट का फायदा लें। एनपीएस में 50000 रुपये के निवेश पर अतिरिक्त छूट का फायदा जरूर लें। सेक्शन 80 सीसीडी(1बी) के तहत मिलने वाली छूट सेक्शन 80 सी से अलग होती। आप परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर के लिए भी अप्लाई कर दें।

इन जानकारों का कहना है कि कंपनी में जल्द ही निवेश की जानकारी मांगी जाएगी। जिसको ध्यान में रखते हुए पूरे साल के लिए अभी से प्लानिंग कर कंपनी को जानकारी दें। वित्त वर्ष 2015-16 में ईएलएसएस में जरूर निवेश करें।

इन जानकारों का मानना है कि सुकन्या समृद्धि स्कीम निवेश का अच्छा विकल्प है। ये एश्योर्ड रिटर्न के लिए अच्छी स्कीम है। इसमें वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 9.2 फीसदी ब्याज के साथ सेक्शन 80 सी के तहत छूट भी है। साथ ही इसका रिटर्न भी टैक्स फ्री है।

इन जानकारों ने बताया कि सेक्शन 80 डी के तहत मिलने वाली छूट बढ़ा दी गई है। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अब 25000 रुपये की छूट मिलेगी। वरिष्ठ नागरिकों के हेल्थ प्रीमियम पर 30000 रुपये की छूट दी गई है। इस स्थिति में यूनिट लिंक्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से बचकर गंभीर बीमारी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बेहतर विकल्प होगा।

इन जानकारों की राय है कि नए वित्त वर्ष की प्लानिंग करते समय अपने बैंक विवरण अपडेट करें और पते में बदलाव की जानकारी दें, नामांकन की जानकारी पूरी करें और केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करें। अपने पैसे की उपलब्धता और खर्च का अनुमान तैयार करे, एफडी/बॉन्ड मैच्योर होने पर मिलने वाले पैसे का हिसाब रखें, इंश्योरेंस प्रीमियम, स्कूल फीस जैसे अन्य खर्चों का लेखा-जोखा तैयार करें, छुट्टियों, जन्मदिन, त्यौहार पर होने वाले खर्च को भी जोड़ें, अपने बड़े वित्तीय लक्ष्य को भी लिखकर रखें और हिसाब लगाएं कि खर्चों के लिए पैसे कहां से आएंगे।

जानकारों का कहना है कि नए वित्त वर्ष की प्लानिंग करते समय पूरे साल के लिए निवेश की प्लानिंग करें और प्रीमियम पेमेंट सालभर के लिए बांट लें, प्रीमियम या बिल का भुगतान आखिरी समय के लिए नहीं छोड़ें। अगर वित्त वर्ष के आखिर में कुछ पेमेंट रहता है तो पैसे की प्लानिंग जरूरी है। पहले से पैसे की प्लानिंग करने से आखिरी समय में परेशानी नहीं होगी। इसलिए जिस महीने जो भी पेमेंट देना है, उसके लिए पैसे की प्लानिंग करके रखें।

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