Thursday 23 July 2015

क्यों है जरूरी महिलाओं की फाइनेंशियल प्लानिंग ?


सपने देखना और उन्हें साकार करना दो अलग अलग बातें होती हैं। हम ख्वाब तो कई बुन लेते हैं, लेकिन उन्हे मुकम्मल करने में शायद सही राह या मार्गदर्शन की जरूरत होगी। आज निवेश से जुड़ी बारीकियों को समझाने और आपको अपने भविष्य की बेहतर प्लानिंग करने में आपकी मदद करेंगे रूंगटा सिक्योरिटीज के डायरेक्टर हर्षवर्धन रूंगटा

आज हम शुरआत इस बात से करते हैं कि महिलाओं के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग क्यों जरूरी होती है। सबसे पहले तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की औसत उम्र ज्यादा होती है। इसलिए उनको रिटारमेंट के लिए ज्यादा पैसे की जरूरत होती है। दूसरे महिलाओं की औसत कमाई पुरुषों से कम होती है। आमतौर पर महिलाओं का फाइनेंशियल मैनेजमेंट पुरुष संभालते हैं। इसके अलावा महिलाओं को ज्यादा ब्रेक लेने पड़ते हैं और महिलाओं के वर्किंग ईयर्स भी पुरुषों के मुकाबले कम होते हैं। इसलिए महिलाओं को किसी इमरजेंसी के लिए तैयार रहना जरूरी होता। इन सब बातों को देखते हुए ये जरूरी हो जाता है कि महिलाएं फाइनेंस से जुड़े फैसलों में हिस्सा लें और अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग खुद करें।

अब शुरु करते हैं सवाल-जवाब का सिलसिला

सवाल: मुझे म्युचुअलफंड में पैसा लगाना है। एजेंट या फाइनेंशियल एडवाइजर के चयन के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? बिना एजेंट के एमएफ में पैसा लगाना कैसे शुरू किया जा सकता है?

जवाब: एजेंट/एडवाइजर चुनने के पहले किसी जानकार से पूछें। खुद से रिसर्च कर एडवाइजर्स के बारे में पता लगाएं। चुनिंदा एडवाइजर्स से बात कर किसी एक को चुनने का फैसला लें। आप एजेंट की मदद के बिना भी पोर्टफोलियो बना सकती हैं। इंटरनेट पर पोर्टफोलियो बनाने में मदद करने वाली कई वेबसाइट मौजूद हैं। आप रिसर्च के जरिए फंड हाउस और स्कीम चुन सकती हैं। चुने हुए फंड हाउस की शाखा में जाकर निवेश की शुरुआत करें। हां, निवेश शुरू करने के पहले केवाईसी नॉर्म्स पूरा कर लें।

बिना लोन लिए कैसे खरीदें प्लॉट

इंश्योरेंस भी चाहिए और रिटर्न भी, ये लालच जब तक मन में रहेगा न तो आप अच्छे रिटर्न कमा पाएंगे और न ही पर्याप्त इंश्योरेंस ले पाएंगे। क्योंकि जैसे ही इंश्योरेंस को इन्वेस्टमेंट से जोड़ेंगे लाइफ कवर घट जाएगा, खर्च बढ़ जाएगा और आपका लक्ष्य हासिल नहीं हो पाएगा। इसलिए इंश्योरेंस को इन्वेस्टमेंट से हमेशा अलग रखना चाहिए। आज भी हमारा फोकस निवेश और फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़े आपके सवालों पर रहेगा। यहां आपके निवेश से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे हैं ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के डायरेक्ट पंकज मठपाल

सवाल: मेरी उम्र 33 साल और सैलरी 50,000 रुपये महीने है। मैंने 1 करोड़ रुपये का टर्म प्लान और 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस ले रखा है। मैं सलाना 35,000 रुपये एलआईसी का प्रीमियम जमा करता हूं। इसके अलावा मैं पीपीएफ में 30,000 रुपये सालाना और राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में 50,000 रुपये का निवेश कर रखा है।

मुझे घर खरीदने के लिए 5 साल में 10 लाख रुपये चाहिए। बाकी रकम लोन लेंगे। मुझे 5000 रुपये प्रति माह एनपीएस और एसआईपी में निवेश करना है। क्या एनपीएस में निवेश से रिटायरमेंट के लिए पैसे जमा हो जाएंगे। क्या अगले 2 साल तक राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में 50,000 रुपये का निवेश करके टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं?

जवाब: आप 7 साल में 10 लाख रुपये का कॉरपस जमा करने के लिए एसआईपी करें। इसके लिए आपको हर महीने 8000 रुपये की एसआईपी शुरू करनी होगी। आपको सलाह है कि आप आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड में निवेश करें। बिड़ला सन लाइफ फ्रंटलाइन इक्विटी फंड में कुछ पैसे डालें। फ्रैंकलिन इंडिया हाई ग्रोथ कंपनीज फंड भी अच्छा फंड है। आप रिटायरमेंट के लिए सिर्फ एनपीएस पर निर्भर नहीं रहें। बल्कि रिटायरमेंट के लिए एसआईपी के जरिए कॉरपस बनाएं। आप राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में 50000 रुपये का निवेश कर छूट ले सकते हैं।

सवाल: मेरी सैलरी 80,000 रुपये महीने है। मैं ईएलएसएस में हर महीने 5000 रुपये, म्युचुअल फंड में 6500 रुपये हर महीने निवेश करता हूं। मैंने 6 लाख रुपये की एफडी करवा रखी है। इसके अलावा बचत खाते में भी 5 लाख रुपये हैं। मेरा अन्य निवेश भी 5 लाख रुपये का है। मैंने 25 लाख रुपये  का टर्म प्लान भी ले रखा है।

मैं 2017 तक 20 लाख रुपये की जमीन खरीदना चाहता हूं। जमीन के लिए लोन नहीं लेंगे। सभी लक्ष्यों के लिए किए गए निवेश पर सलाह चाहिए?

जवाब: आपका रिटायरमेंट कॉरपस पर्याप्त नहीं है। ईएलएसएस में आपके सभी निवेश अच्छे हैं। लेकिन मौजूदा निवेश से 1.50 करोड़ जमा करना मुश्किल है। आप धीरे-धीरे एसआईपी की रकम बढ़ाएं। मौजूदा एसआईपी से बच्चे के लिए 30 लाख रुपये का कॉरपस जमा होगा। आपको 70 लाख रुपये जमा करने के लिए निवेश साल-दर-साल बढ़ाना होगा। आप अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता के लिए डेट फंड शामिल करें और जमीन खरीदने के लिए अलग निवेश करें। आप बचत खाते में रखा पैसा डेट एमएफ में लगाएं। आपके लिए टर्म प्लान भी खरीदना जरूरी है।

Friday 5 June 2015

बिना कार्ड के ATM से निकाल सकते हैं पैसा, ये हैं कुछ आसान तरीके


बिना कार्ड के ATM से निकाल सकते हैं पैसा, ये हैं कुछ आसान तरीके

एटीएम देखकर अक्सर लोगों को पैसा निकालने की याद आती है। लेकिन बिना कार्ड के पैसा निकालें भी कैसे? सोचिए नहीं, अब ये आसान है। आप बिना एटीएम कार्ड के एटीएम मशीन से पैसा निकाल सकते हैं। हम आपको बताएंगे कि कैसे आप बिना कार्ड के भी एटीएम से पैसा निकालें। इसके लिए आपको एक छोटी सी प्रक्रिया से गुजरना होगा।
एटीएम से बिना कार्ड के पैसा निकालने का ये है बेहद आसान तरीका...

खुद को करें रजिस्टर

इस सुविधा को पाने के लिए सबसे पहले आपको इस बैंक में खुद को रजिस्टर कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन बैंक की शाखा या बैंक इंटरनेट बैकिंग की मदद से भी हो सकेगा। वहीं, रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको बैंक कस्टमर सर्विस सेंटर पर कॉल करने का विकल्प भी मिला हुआ है।

मिलेगा 4 अंकों वाला एमपिन

एक बार बैंक में रजिस्टर होने के बाद यूजर को 4 अंकों का एक एमपिन (मोबाइल पर्सनल आईडेंटीफिकेशन नंबर) मिलेगा। यह नंबर एटीएम पिन की ही तरह होगा। इसे यूजर ट्रांजेक्शन सिक्योरिटी पिन या अथॉरिटी कोड के रूप में भी इस्तेमाल कर सकेगा।
मोबाइल एप्लीकेशन करें डाउनलोड
रजिस्ट्रेशन के बाद आपको उस बैंक से जुड़ी एप्लीकेशन अपने मोबाइल पर डाउनलोड करनी पड़ेगी। यूजर्स को इसके लिए एसएमएस चैनल का ऑप्शन भी दिया गया है। इसके माध्यम से बैंक इस एप्लीकेशन का वेब लिंक आपके मोबाइल पर भेज देगा।

बिना डेबिट कार्ड के एटीएम मशीन से पैसा निकालने की यह सर्विस पूरी तरह से मुफ्त है। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको ठीक एटीएम कार्ड जैसी ही सुविधाएं एमपिन से मिलेगी। इसकी मदद से यूजर इंट्रा बैंक, मोबाइल टू मोबाइल, मोबाइल टू एकाउंट फंड ट्रांसफर और नेट इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रासफर सभी कर सकेंगे। वहीं, इंटरबैंक मोबाइल पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) भी इस मोबाइल एप्लीकेशन का फीचर रहेगा।
5000 रुपए है लिमिट
अब आपके दिमाग में बिना एटीएम कार्ड के पैसा निकालने की लिमिट के बारे में भी सवाल उठ रहे होंगे। हम आपको इसका जवाब भी दे देते हैं। दरअसल, एमपिन की मदद से आप 5000 रुपए प्रति दिन की लिमिट तक पैसा निकाल सकेंगे।

आईएमपीएस के तहत फंड ट्रांसफर में यह लिमिट बढ़कर 30000 रुपए प्रति दिन हो जाएगी। एसएमएस के संबंध में यह लिमिट 4000 रुपए प्रति दिन है। हालांकि, सभी बिल पेमेंट को लेकर लिमिट हर दिन 20000 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन है।

कैसे निकाल सकेंगे पैसा
रजिस्ट्रेशन और एमपिन मिलने के बाद आप कैसे पैसा निकालेंगे, इसका तरीके के तौर पर सबसे पहले इंडसमोबाइल एप्लीकेशन खोलें। फिर उसके बाद एमपिन डालकर कार्डलेस विथड्रॉल बटन पर क्लिक करें। ध्यान रहे क्लिक करने से पहले जितना पैसा निकालना चाहते हैं वो डालें।

सब्मिट करते ही बैंक आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर एक अस्थायी पासवर्ड भेजेगा। इस पासवर्ड की मदद से आपको एप्लीकेशन में जाकर दूसरा पासवर्ड भी जनरेट करना होगा।

कैश ऑन मोबाइल करें सेलेक्ट
अब आप एटीएम मशीन स्क्रिन पर दिए जाने वाले कैश ऑन मोबाइल ऑप्शन को चुनें। इसके बाद आप मांगे गए बॉक्स में अपना मोबाइल नंबर, एमाउंट, बैंक द्वारा भेजा गया अस्थायी पासवर्ड और खुद से जनरेट किया पासवर्ड डालें। इन चारो के मैच करने पर आपके द्वारा मांगा गया एमाउंट एटीएम मशीन से बाहर आ जाएगा। इस एप्लीकेशन की मदद से आप थर्ड पार्टी को भी पैसा भेज सकेंगे।

जानिये, ये भारतीय उद्योगपति हैं कितने पढ़े-लिखे

उद्योगों के जरिये बेशुमार धन कमाने वाले पूंजीपतियों के प्रति लोगों का आर्कषण कुछ ज्यादा ही होता है. व्यापार से कमायी गयी अपार दौलत, पाश्चात्य जीवनशैली लोगों को उनकी ओर अनायास ही खिंचती है. यह खिंचाव लोगों के मन में अपने हालातों और पूंजीपति जैसा बनने के बीच घर्षण पैदा करती है. व्यक्ति पूंजीपति बने अथवा नहीं, लेकिन पूंजीपतियों की जीवनशैली से मन में उठी जिज्ञासा को शांत करने के लिये वो उनके व्यक्तिगत जीवन संबंधी बातों को जानने की हर संभव कोशिशें करते हैं. पढ़िये नामी उद्योपतियों में से कौन है कितना पढ़ा-लिखा:-

पिता के असमय निधन से बाधित हुई शिक्षा
अज़िम प्रेमजी विप्रो के अध्यक्ष हैं जिन्होंने अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिये वे कैलिफोर्निया गये. हालांकि, पिता के असामयिक निधन के कारण 21 साल की उम्र में ही पढ़ाई छोड़कर उन्होंने कैलिफोर्निया छोड़ दी और वापस भारत आ गये.


वोट देने की उम्र से ही लग गये काम पर
दूरसंचार टायकून के नाम से मशहूर सुनील भारती मित्तल भारती एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष और इस समूह के सीईओ हैं. सुनील मित्तल ने वर्ष 1976 में पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि अर्जित की. इन्होंने कला एवं विज्ञान संकाय में भी स्नातक की डिग्री अर्जित की. अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र रहे सुनील मित्तल ने 18 साल की उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था.

टाटा नैनो वाले रतन
टाटा नैनो वाले रतन किसी परिचय के मोहताज नहीं है. हालांकि, उनकी शिक्षा के बारे में शायद ही सभी जानते हों! टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा ने आर्किटेक्चर एंड स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि अर्जित की. अमेरिका की कॉरनेल विश्वविद्यालय से यह उपाधि उन्होंने वर्ष 1962 में प्राप्त की. वर्ष 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट में भी डिग्री हासिल की.


एचसीएल वाले इंजीनियर
एचसीएल के संस्थापक और अध्यक्ष शिव नादर ने दी अमेरिकन कॉलेज, मदुरै से प्री-यूनिवर्सिटी डिग्री अर्जित की है. इसके अलावा उन्होंने पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नॉलॉजी से एलैक्ट्रिकल और एलैक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल की.

अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके
मुम्बई विश्वविद्यालय से कैमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक मुकेश अंबानी एमबीए की पढ़ाई पूरी करने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय गये. हालांकि, कुछ कारणों से वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सके और एक वर्ष बाद वापस लौट आये. इसके बाद वो अपने पिता धीरूभाई अंबानी के कारोबार में हाथ बँटाने लगे.

उद्योगपति से पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम ने मुम्बई विश्वविद्यालय से बी.कॉम की उपाधि हासिल की. इसके बाद उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंसी और लंदन से एमबीए का पाठ्यक्रम पूरा किया.

इन्होंने किया है सिनेमा निर्माण का कोर्स
महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा ने कैंब्रिज के हार्वर्ड कॉलेज से स्नातक पाठ्यक्रम पूरा किया है. इसी कॉलेज से उन्होंने सिनेमा निर्माण का पाठ्यक्रम भी पूरा किया. वर्ष 1981 में उन्होंने बोस्टन के एक बिजनेस स्कूल से एमबीए की पढ़ाई पूरी की.


मनी मैनेजमेंट: जरा संभाल कर


इन्वेस्टमेंट के बारे में सोचते हुए अकसर कुछ बातों को ध्यान रखा जाता है। पर स्थितियों के हिसाब से कभी-कभी इन बातों, धारणाओं को भी दरकिनार करना पडता है। आइए कुछ ऐसी ही स्थितियों पर नजर डालते हैं, जिनमें इन्वेस्टमेंट से जुडी धारणाएं सही साबित नहीं होतीं।

ऐसी जगह अपने फंड निवेश करें, जहां अच्छा रिटर्न मिले।

सिचुएशन : अगर आप रिटायरमेंट के बारे में सोच रहे हैं तो अधिक रिटर्न कमाने से ज्यादा जरूरी बचत है। मान लेते हैं कि आपकी सेलरी 20,000 रुपये मासिक है। ऐसे में आप शुरुआत में किसी बडी बचत या निवेश से पहले मासिक 1,000 रुपये का 12 महीने या 24 महीने के लिए रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) शुरू कर सकते हैं। लगभग साढे चार फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि ब्याज दर से आपको इस पर ब्याज मिलेगा। यानी एक साल की अवधि के बाद आपको लगभग 13 हजार रुपये मिलेंगे। आरडी की अवधि पूरी होने के बाद आप पूरी रकम को सावधि जमाखाता (एफडी) में पांच साल के लिए लगा सकते हैं। इस रकम पर आपको अच्छा ब्याज मिलेगा। रिटायरमेंट की प्लानिंग कर रहे हैं, इसलिए एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि अपनी छोटी-छोटी बचत हमेशा बनाए रखें।

एक लॉन्ग टर्म जीवन बीमा पॉलिसी लें, इससे प्रीमियम कम हो जाएगा और पॉलिसी की लागत घट जाएगी।

सिचुएशन : कम उम्र में लॉन्ग टर्म जीवन बीमा पॉलिसी लेने से उसका फायदा आपकी रिटायरमेंट एज से पहले ही खत्म हो जाएगा। मान लेते हैं कि पहली स्थिति में आपने 25 वर्ष की उम्र में अपने लिए 30 साल अवधि वाली जीवन बीमा पॉलिसी ली है, जिसका प्रीमियम काफी कम है। पर पॉलिसी के फायदे उस वक्त खत्म हो जाएंगे, जब आपकी उम्र 55 साल की होगी। 55 साल की उम्र को देखते हुए आपकी नई पॉलिसी का सालाना प्रीमियम 10,000 रुपये से भी ज्यादा बनेगा। दूसरी स्थिति है, जिसमें अगर 25 साल में आप 10 साल अवधि वाली कोई एंडाउमेंट पॉलिसी लें तो इसका सालाना प्रीमियम लगभग 2,300 रुपये होगा। यह पॉलिसी आपके 35 साल के होने पर परिपक्व हो जाएगी। इसके बाद 30 साल की नई पॉलिसी के लिए सालाना प्रीमियम 4,200 रुपये तक बनेगा। इस तरह आप काफी पैसे बचा पाएंगे।

किराये के मकान में रहने से बढिया है कि मकान खरीद कर किराये की जगह उसकी ईएमआई दें और एक प्रॉपर्टी बना ली जाए।

सिचुएशन : जब रिअलिटी मार्केट में गरमागरमी हो और होम लोन रेट्स बहुत अधिक हों तो ऐसी स्थिति में किराये के मकान में रहना बेहतर है। मान लेते हैं कि आप 40 लाख रुपये का मकान खरीदना चाह रहे हैं। इसके लिए 10 लाख रुपये की डाउन पेमेंट के साथ आप 20 साल के लिए होम लोन लेंगे। 30 लाख रुपये के लोन पर 9 परसेंट ब्याज दर के साथ आपकी इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट (ईएमआई) लगभग 26,992 रुपये बनेगी। यानी 27 हजार रुपये की मासिक किस्त पर 20 साल बाद ही वह घर आपका हो पाएगा। ऐसे में अगर आप 40 लाख रुपये के मकान में किराये पर रहते हैं तो आपका किराया लगभग 10 हजार रुपये होगा। अब मासिक किस्त और किराये के बीच का अंतर देखें तो वह 17 हजार रुपये प्रति माह है। अगर आप एक साल का इंतजार कर सकते हैं तो डाउन पेमेंट के 10 लाख रुपयों और हर महीने की 17 हजार रुपये की बचत को एक साल के लिए किसी सुरक्षित इन्वेस्टमेंट प्लान में लगा देते हैं। इस पर मिलने वाले ब्याज के साथ साल खत्म होने के बाद आप 14 लाख रुपये बचा पाएंगे। अब आप इस रकम को प्रॉपर्टी खरीदने में लगा सकते हैं। इससे आपकी ईएमआई भी कम हो जाएगी।

किसी कंपनी के बोनस शेयर जारी करने का मतलब है, कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

सिचुएशन : कई बार कंपनियां निवेशकों का भरोसा जीतने और मार्केट में अपने शेयर के प्रति रुझान बढाने के लिए मौजूदा शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करती हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार यह सफल भी रहे। यहां समझने वाली बात यह है कि बोनस शेयर जारी करना कंपनियों के लिए सिर्फ एक अकाउंटिंग एक्सरसाइज है, जिसके तहत पूंजी को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांस्फर किया जाता है। इसमें कंपनी अपने इकट्ठे किए हुए रिज‌र्व्स का इस्तेमाल मौजूदा शेयरधारकों को बोनस शेयर जारी करने और अपनी इक्विटी पूंजी को बढाने के लिए करती है। बोनस शेयर जारी करने का मतलब है शेयरधारकों को कंपनी में और हिस्सेदारी देना, दरअसल यह भी खेल ही है। इसे समझने के लिए आप सीधा हिसाब लगा सकते हैं। अपनी हिस्सेदारी को शेयरों की संख्या में न देख कर प्रतिशत में देखें। इस लिहाज से कंपनी में आपके पास पहले भी उतनी ही हिस्सेदारी थी, जितनी बोनस शेयर मिलने के बाद है। क्योंकि कंपनियां आपके मौजूदा शेयरों के अनुपात में ही नए बोनस शेयर जारी करती हैं। इसलिए शेयरधारकों को इससे कोई खास फायदा नहीं होता। पर अगर बोनस शेयर जारी करने के बाद कंपनी का प्रदर्शन बढिया रहता है और शेयर के भाव बढते हैं तो बोनस शेयर वाकई शेयरधारक के लिए मुनाफा हैं।